- कृपया हमें भुगतान करने से पूर्व ही हमारी वेबसाईट, ईमेल, व फोन आदि के माध्यम से सभी प्रकार से भलीभांति यह अवश्य सुनिश्चित कर लें कि आप जिस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के विषय में हमें भुगतान कर रहे हैं, क्या वह दीक्षा/साधना/अनुष्ठान आपकी आवश्यकता को पूर्ण करता है, अथवा नहीं ? ओर क्या आप स्वयं उस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान को पूर्ण करने हेतु हमारी वेबसाईट पर प्रत्येक दीक्षा/साधना/अनुष्ठान/अनुष्ठान की सूचना के साथ लिखी “अनिवार्य योग्यताओं” को पूर्ण कर रहे हैं, अथवा नहीं ?
- निम्नलिखित परिस्थितियों में धन वापसी की जा सकती है :-
क/1 :- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के पंजिकरण हेतु ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन भुगतान कर दिए जाने के बाद आपके द्वारा जिस दीक्षा, साधना व दीक्षा तिथि के निमित्त भुगतान किया गया है, आप उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान/अनुष्ठान के प्रारम्भ होने की तिथि से केवल “पांच दिवस” पूर्व तक भुगतान की गयी धनराशी की “हमें सन्देश भेजें“ पर सन्देश भेजकर वापसी की मांग कर सकते हैं, अथवा उक्त धनराशी को भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए संरक्षित करने का आग्रह कर सकते हैं !
इस स्थिति में आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी या तो भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए संरक्षित कर दी जाती है अथवा आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी में से Payment Gateway का शुल्क (जो कि ATM, Net Banking आदि द्वारा भुगतान के प्रकार के अनुसार न्यूनतम 2% से 5% के आस पास तक होता है ) को घटाकर शेष धनराशी आपको वापस लौटा दी जाती है, जो कि Payment Gateway द्वारा वापस उसी खाते में भेजी जाती है जिस खाते से उसका भुगतान किया गया होता है !
क/2 :- आपके आग्रह पर आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी को भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए संरक्षित किये जाने की अन्तिम समयावधि केवल नब्बे (90) दिन तक के लिए ही मान्य होगी ! धनराशी को भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए संरक्षित किये जाने की तिथी से नब्बे (90) दिन के अन्दर आपको सम्बन्धित दीक्षा/साधना/अनुष्ठान में सम्मिलित होना अथवा उस धनराशी को “हमें सन्देश भेजें“ पर सन्देश भेजकर वापसी की मांग कर वापस मांग लेना अनिवार्य होगा, अन्यथा संरक्षित किये जाने की तिथी से नब्बे (90) दिन व्यतीत होने पर वह धनराशी पीठ के अन्य कार्यों में व्यय कर दी जाती है ! जिसके बाद उस धनराशी का कोई भी अंश अथवा किसी अन्य रूप में उसका मूल्य आपको नहीं चुकाया जा सकता है !
क/3 :- नियमानुसार दिया गया दान/अनुदान (Donation) वापस नहीं लिया जाता है, किन्तु हमें दान/अनुदान देने के उपरान्त यदि आपको ऐसा प्रतीत हो कि आपने अनुचित दान/अनुदान दिया है, तो आप हमें दान/अनुदान देने के 7 (सात) दिवस के अन्दर “हमें सन्देश भेजें“ पर सन्देश भेजकर धन वापसी की मांग कर सकते हैं ! आपकी मांग पर Payment Gateway का शुल्क (जो कि 2% से 5% के आस पास तक होता है ) को घटाकर शेष धनराशी आपको वापस लौटा दी जाती है, जो कि Payment Gateway द्वारा वापस उसी खाते में भेजी जाती है जिस खाते से उसका भुगतान किया गया होता है !
सात दिवस व्यतीत हो जाने के उपरान्त की गई मांग पर आपके द्वारा दान/अनुदान के रूप में भुगतान की गयी धनराशी का कोई भी अंश अथवा किसी अन्य रूप में उसका मूल्य नहीं चुकाया जा सकता है !
- निम्नलिखित परिस्थितियों में धन वापसी नहीं की जा सकती है :-
ख :- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के पंजिकरण हेतु भुगतान कर दिए जाने के बाद आपके द्वारा जिस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान व दीक्षा तिथि के निमित्त भुगतान किया गया है उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के प्रारम्भ होने की तिथि के “पांच दिवस” पूर्व से उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की व्यवस्थाएं प्रारम्भ हो जाती हैं व आपके द्वारा उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए भुगतान की गयी धनराशी उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान सामग्री के संग्रह व दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की व्यवस्थाओं हेतु व्यय कर ली जाती है, और इस स्थिति में उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के प्रारम्भ होने की तिथि के पांच दिवस पूर्व से लेकर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की तिथि या उसके बाद निम्नलिखित कारणों से आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी की वापसी की मांग किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जा सकती है :-
ख/1:- आपके द्वारा जिस दीक्षा, साधना व दीक्षा तिथि के निमित्त पंजिकरण किया गया है उस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के प्रारम्भ होने की तिथि से पांच दिवस पूर्व वह धनराशी उक्त दीक्षा/साधना/अनुष्ठान सामग्री के संग्रह व दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की व्यवस्थाओं हेतु व्यय कर दी जाती है !
ख/2:- सभी दीक्षा/साधना/अनुष्ठानों के लिए दीक्षा/साधना/अनुष्ठान प्रारम्भ होने से पूर्व प्रत्येक दीक्षा/साधना/अनुष्ठान हेतु मांगी गई सभी “अनिवार्य योग्यताओं” का परिक्षण लिया जाता है, व दीक्षा/साधना/अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए साधक को इस परिक्षण में सफल होना अनिवार्य होता है (यह सूचना हमारी वेबसाईट पर प्रत्येक दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के पृष्ठ पर स्पष्ट शब्दों में लिखी हुई है) !
अतः दीक्षा/साधना/अनुष्ठान हेतु “अनिवार्य योग्यता” के दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से पूर्व लिए गए परिक्षण में अयोग्य पाए जाने पर साधक को दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिया जाता है, व इस परिस्थिति में उपरोक्त नियम “ख/1” के अनुसार दीक्षा/साधना/अनुष्ठान पंजिकरण हेतु भुगतान की गयी धनराशी का कोई भी अंश वापस नहीं लौटाया जा सकता है ! व दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की सूचना के पृष्ठ पर लिखी हुई सभी जानकारियों को ध्यानपूर्वक न पढ़कर उन्हें अनदेखा करते हुए दीक्षा/साधना/अनुष्ठान हेतु पंजिकरण करके आपकी इस हानी के उत्तरदायी आप स्वयं ही होते हैं !
दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से पूर्व लिए गए “अनिवार्य योग्यता” परिक्षण में अयोग्य पाए जाने वाले साधकों को अन्य साधकों की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान में व्यवधान के दृष्टिगत दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के समय पर उपस्थित रहने की भी अनुमति नहीं होती है, व इस स्थिति में हम आपके किसी भी आग्रह को स्वीकार करने हेतु बाध्य नहीं हैं !
ख/3:- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए निर्धारित तिथी से एक दिवस पूर्व दोपहर के समय तक दीक्षा स्थल पर उपस्थित न होने पर तथा किसी भी प्रकार के दैवीय, मानवीय या अन्य व्यवधान के कारण हुई देरी से निर्धारित समय पर दीक्षा स्थल पर उपस्थित नहीं होने पर !
ख/4:- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान को मध्य में छोड़ने अथवा निर्धारित समय पर साधना प्रारम्भ नहीं करने पर !
ख/5:- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के खण्डित हो जाने अथवा साधक द्वारा स्वयं दीक्षा/साधना/अनुष्ठान को खण्डित कर दिए जाने पर !
ख/6:- हमारी वेबसाइट पर प्रत्येक साधना के साथ उस साधना से जीवन में होने वाले लाभ को स्पष्ट लिखा गया है किन्तु किसी साधना से जो लाभ वहां नहीं लिखा गया हो, ओर आप के द्वारा स्वेच्छा से या अन्यत्र से प्राप्त जानकारियों के आधार पर उस साधना से उस लाभ की अपेक्षा करने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/7:- दीक्षा/साधना/अनुष्ठानकाल में “साधनाकाल के लिए नियमों” के विपरीत आचरण करने व नियमों का उल्लन्घन करने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/8:- अन्य साधक की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान में व्यवधान उत्पन्न करने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/9:- अनावश्यक व संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने अथवा किसी भी प्रकार का विवाद या व्यवधान उत्पन्न करने अथवा स्थान, व्यक्ति व सिद्धान्तों की मर्यादा का उल्लंघन करने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/10:- दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए मांगी गई “अनिवार्य योग्यता” आदि में पूर्ण नहीं पाए जाने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/11:- पहचान व पते की पुष्टि के लिए किसी भी वैद्य अभिलेख की एक छायाप्रति व मूलप्रति अथवा नाम, पता, पहचान व आयु दोनों का ही वैधानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं कराने पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिए जाने पर !
ख/12:- सभी विशेष/अति विशेष दीक्षा/साधना/अनुष्ठान शिविरों के लिए किये गए पंजीकरणों की पंजिकरण राशी पुर्णतः गैरवापसी व भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए समायोजन से रहित होगी !
ख/13:- आग्रह करके किये गए पंजीकरणों तथा दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के प्रारम्भ होने की तिथी के सात दिन के अन्दर किये गए पंजीकरणों की पंजिकरण राशी पुर्णतः गैरवापसी व भविष्य की दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए समायोजन से रहित होगी !
ख/14:- आपके द्वारा पंजिकरण किये जाने की तिथी से दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के सम्पन्न होने की तिथी तक के मध्य किसी भी प्रकार की चतुराई, छद्म नाम, छद्म पहचान, छद्म योग्यता या अन्य संदिग्धता आदि का आभास होने पर आपका पंजिकरण निरस्त कर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान से वंचित कर दिया जायेगा व इस स्थिति में आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी का कोई भी अंश आपको वापस नहीं लौटाया जा सकता है ! तथा भविष्य के लिए श्री ज्योतिर्मणि पीठ के कार्यक्रमों में सम्मिलित होने से भी वंचित कर दिया जाता है !
ख/15:- आपके द्वारा जिस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की तिथी के लिए पंजिकरण कर धन का भुगतान किया जाता है उस दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की तिथी से ही आपके निमित्त क्रय की गई दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की सामग्री की सुरक्षा का दायित्व आपका होता है ! यदि आप योग्यता या अन्य किन्हीं भी कारणों से उस तिथी पर दीक्षा/साधना/अनुष्ठान में सम्मिलित नहीं होते हैं तो इस स्थिति में वह दीक्षा/साधना/अनुष्ठान शिविर समाप्त होने की तिथी से पूर्व ही अपनी दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की सामग्री स्वयं उपस्थित रहकर हमसे प्राप्त कर उस सामग्री की सुरक्षा आपको स्वयं करनी होती है ! मंहगी व पर्याप्त संरक्षण के बिना अधिक समय तक सुरक्षित नहीं रखी जा सकने के कारण हम आपकी दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की सामग्री की सुरक्षा करने अथवा आगामी दीक्षा/साधना/अनुष्ठान शिविर तक सुरक्षित रखकर आपको या किसी अन्य साधक को वह सामग्री देने का दायित्व नहीं लेते हैं !
ख/16:- हमारी और से रिफण्ड कर दिए जाने पर आपको मध्यस्थ Payment Gateway (ccavenue.com) की ओर से पंजीकरण के समय प्रयुक्त की गई ईमेल पर रिफण्ड किये जाने की सूचना प्राप्त होती है, तथा वापस की गई धनराशी Payment Gateway द्वारा वापस उसी खाते में भेज दी जाती है जिस खाते से उसका भुगतान किया गया होता है ! किन्ही कारणों से यदि आपको यह सूचना प्राप्त नहीं होती है ओर आपके खाते में रिफण्ड की गई धनराशी जमा होने में विलम्ब होने पर आपको मध्यस्थ Payment Gateway (ccavenue.com) से ईमेल :- contact@ccavenue.com पर अपने Order नं, CCAvenue Reference नं, Refund Issue Date व Refunded Amount सहित सम्पर्क करना चाहिए !
ख/17:- श्री ज्योतिर्मणि पीठ के पास किन्हीं परिस्थितियों में आपके द्वारा किए गए दीक्षा/साधना/अनुष्ठान पंजिकरण को निरस्त करने का अधिकार सुरक्षित है, तथा इस स्थिति में आपकी पूर्ण धनराशी आपको वापस लौटा दी जाती है !
उपरोक्त ख से ख/15 तक की सभी परिस्थियों में आपके द्वारा भुगतान की गयी धनराशी, जो कि दीक्षा/साधना/अनुष्ठान सामग्री के संग्रह व दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की व्यवस्थाओं हेतु व्यय कर दी गयी होती है, उस व्यय हो चुकी धनराशी का कोई भी अंश किन्ही भी परिस्थियों में आपको वापस नहीं लौटाया जा सकता है, और उस व्यय हो चुके धन व आपके निमित्त क्रय की गई दीक्षा/साधना/अनुष्ठान की सामग्री को भी भविष्य की किसी भी दीक्षा/साधना/अनुष्ठान के लिए अग्रसारित/संरक्षित नहीं किया जा सकता है !