- हमारे द्वारा दीक्षा/साधना पंजिकरण हेतु साधकों से जो धन प्राप्त किया जाता है वह साधकों को दीक्षा व साधना के समय के संस्कारों, पूजन व यज्ञ में लगने वाली अनिवार्य सामग्री व उनके रहन सहन की व्यवस्थाओं के निमित्त मात्र होता है, पंजिकरण शुल्क के रूप में लिखे गए कुल व्यय में दीक्षा/साधना सामग्रियों के मूल्य व धर्मशाला एवं भोजन व्यवस्था का व्यय तथा केवल 1/- रु (एक रुपया) मात्र दीक्षा/साधना की दक्षिणा में 5% Payment Gateway के शुल्क को जोड़कर लिखा जाता है, तथा यह पंजिकरण शुल्क बाजार में सामग्रियों के मूल्य के उतार चढ़ाव के अनुसार सदैव बदलता रहता है ! इसके अतिरिक्त कोई धन नहीं लिया जाता है !
अतः जिन सज्जनों को ऑनलाईन पंजिकरण करने में आपत्ति हो, कृपया वह ऑनलाईन पंजिकरण न करें तथा दीक्षा व साधना के समय के संस्कारों, पूजन व यज्ञ में प्रयुक्त होने वाली निम्नलिखित में से अपनी साधना से सम्बन्धित गुणवत्ता युक्त शुद्ध व पूर्ण सामग्री स्वयं लेकर आ सकते हैं, व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं ! आप यह भी सुनिश्चित रखें कि दीक्षा/साधना की सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यहां लिखे हुए के अनुसार नहीं होने पर आपको दीक्षा/साधना की प्रक्रिया से वंचित रखा जायेगा !
- श्रीविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्रीविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19:- बालछड़ (5 ग्राम), 20:- केशर (1 ग्राम), 21:- अंगोछा (एक), 22:- नारियल (एक), 23:- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्रीविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – पांच किलो, जौ – ढाई किलो, चावल – सवा एक किलो, शक्कर – 625 ग्राम, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, जटामांसी, भोजपत्र 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची, कत्था 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम पंचरत्न (माणिक, मोती, मूंगा, पुखराज, हीरा ) प्रत्येक रत्न का आकार मसूर के दाने से अधिक बड़ा होना अनिवार्य है, त्रिधातु (सोना, चांदी ताम्बा ) प्रत्येक धातु का भार एक ग्राम से कम न हो, पान के पत्ते :- आवश्यकतानुसार !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री षोडशी महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री षोडशी महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री षोडशी महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – एक किलो, जौ – आधा किलो, चावल – एक पाव, शक्कर – आधा पाव, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, जटामांसी 500 – 500 ग्राम, भोजपत्र 200 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 20-20 ग्राम, घी 500 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री त्रिपुरसुन्दरी महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री त्रिपुरसुन्दरी महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री त्रिपुरसुन्दरी महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – एक किलो, जौ – आधा किलो, चावल – एक पाव, शक्कर – आधा पाव, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, जटामांसी 500 – 500 ग्राम, भोजपत्र 200 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 20-20 ग्राम, घी 500 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री कमला (राजराजेश्वरी) महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री कमला (राजराजेश्वरी) महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री कमला (राजराजेश्वरी) महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, जटामांसी एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, भोजपत्र, गुलकन्द 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची, कत्था 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम पंचरत्न (माणिक, मोती, मूंगा, पुखराज, हीरा ) प्रत्येक रत्न का आकार मसूर के दाने से अधिक बड़ा होना अनिवार्य है, त्रिधातु (सोना, चांदी ताम्बा ) प्रत्येक धातु का भार एक ग्राम से कम न हो !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री ललिता महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री ललिता महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री ललिता महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, जटामांसी एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, भोजपत्र, गुलकन्द 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची, कत्था 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम त्रिरत्न (माणिक, मोती, हीरा ) प्रत्येक रत्न का आकार मसूर के दाने से अधिक बड़ा होना अनिवार्य है, त्रिधातु (सोना, चांदी ताम्बा ) प्रत्येक धातु का भार एक ग्राम से कम न हो !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री भुवनेश्वरी महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री भुवनेश्वरी महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री भुवनेश्वरी महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, जटामांसी एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, भोजपत्र 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री कामाक्षी महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री कामाक्षी महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री कामाक्षी महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, अपराजिता के पुष्प 500 ग्राम, द्राक्ष, कमलगट्टा, गुग्गुल, जटामांसी एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, भोजपत्र 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम, कामिया सिंदूर 10 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री त्रिपुरभैरवी महाविद्या दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री त्रिपुरभैरवी महाविद्या दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री त्रिपुरभैरवी महाविद्या साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, विष्णुकान्ता के बीज 500 ग्राम, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, जटामांसी एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, भोजपत्र 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्रीविद्या हृदयस्थ दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्रीविद्या हृदयस्थ दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्रीविद्या हृदयस्थ साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – एक किलो, जौ – आधा किलो, चावल – एक पाव, शक्कर – आधा पाव, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, 500 – 500 ग्राम, भोजपत्र 200 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 20-20 ग्राम, घी 500 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- शाम्भवी दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
शाम्भवी दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
शाम्भवी साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – एक किलो, जौ – आधा किलो, चावल – एक पाव, शक्कर – आधा पाव, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, 500 – 500 ग्राम, भोजपत्र 200 ग्राम, लाल चन्दन, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 20-20 ग्राम, घी 500 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- अष्टलक्ष्मी दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
अष्टलक्ष्मी दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
अष्टलक्ष्मी साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- तिल – चार किलो, जौ – दो किलो, चावल – एक किलो, शक्कर – आधा किलो, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, एक – एक किलो, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, भोजपत्र 500 – 500 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची 100 – 100 ग्राम, घी एक किलोग्राम पंचरत्न (माणिक, मोती, मूंगा, पुखराज, हीरा ) प्रत्येक रत्न का आकार मसूर के दाने से अधिक बड़ा होना अनिवार्य है, त्रिधातु (सोना, चांदी ताम्बा ) प्रत्येक धातु का भार एक ग्राम से कम न हो !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्रीचक्र साधना अनुष्ठान हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्रीचक्र साधना दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19:- बालछड़ (5 ग्राम), 20:- केशर (1 ग्राम), 21:- अंगोछा (एक), 22:- नारियल (एक), 23:- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्रीचक्र साधना हेतु अनिवार्य सामग्री :- तिल – दो किलो, जौ – एक किलो, चावल – आधा किलो, शक्कर – 250 ग्राम, व बादाम गिरी, द्राक्ष, मखाना, काजू, छुआरा, बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल, गन्ना, 250 – 250 ग्राम, छाड़छडीला, जावित्री, जायफल, आँवला, जटामांसी, भोजपत्र 50 – 50 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची, कत्था 10 – 10 ग्राम, घी एक किलोग्राम !
शुद्ध स्वर्ण भस्म एक ग्राम, शुद्ध त्रिधातु (बराबर मात्र में सोना, चांदी, ताम्बा ) की मिश्रित भस्म एक ग्राम, समुद्र का जल एक लीटर, समुद्र का झाग 10 ग्राम, पान के पत्ते 25 !सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- श्री सिद्ध भैरवी चक्र साधना अनुष्ठान हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
श्री सिद्ध भैरवी चक्र साधना दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19:- बालछड़ (5 ग्राम), 20:- केशर (1 ग्राम), 21:- अंगोछा (एक), 22:- नारियल (एक), 23:- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
श्री सिद्ध भैरवी चक्र साधना हेतु अनिवार्य सामग्री :- तिल – आधा किलो, जौ – 250 ग्राम, चावल – 125 ग्राम, शक्कर – 62.5 ग्राम, व बेलफल, कमलगट्टा, गुग्गुल 100 – 100 ग्राम, आँवला, जटामांसी, भोजपत्र 50 – 50 ग्राम, श्वेत चन्दन, लौंग, इलाईची, कत्था 10 – 10 ग्राम, घी एक किलोग्राम !
शुद्ध स्वर्ण भस्म एक ग्राम, शुद्ध त्रिधातु (बराबर मात्र में सोना, चांदी, ताम्बा ) की मिश्रित भस्म एक ग्राम, समुद्र का जल आधा लीटर, समुद्र का झाग 10 ग्राम, पान के पत्ते 25 !सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष, स्फटिक अथवा कमलगट्टा की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- सामान्य यक्षिणी/अप्सरा/गन्धर्व दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- गुग्गुल का गोंद, गुग्गुल का पुष्प, गुग्गुल का फल, गुग्गुल की छाल, गुग्गुल के पत्ते, व गुग्गुल की जड़ 500-500 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- शक्तिपात द्वारा यक्षिणी/अप्सरा/गन्धर्व दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- नवरत्न (माणिक, मोती, मूंगा, पन्ना, पुखराज, हीरा, नीलम, गोमेद व लहसुनिया ) प्रत्येक रत्न का आकार मसूर के दाने से अधिक बड़ा होना अनिवार्य है, पंचधातु (सोना, चांदी ताम्बा, जस्ता व लोहा ) प्रत्येक धातु का भार एक ग्राम से कम न हो, गुग्गुल का गोंद, गुग्गुल का पुष्प, गुग्गुल का फल, गुग्गुल की छाल, गुग्गुल के पत्ते,, गुग्गुल की जड़, तिल, जौ, चावल व शक्कर प्रत्येक 50-50 ग्राम, घी 100 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !
- प्रत्यक्ष यक्षिणी/अप्सरा/गन्धर्व दीक्षा/साधना हेतु प्रतिव्यक्ति अनिवार्य सामग्री, जो कि दीक्षा व साधना के समय साधक द्वारा अनिवार्य रूप से प्रयोग की जानी है !
दीक्षा हेतु अनिवार्य सामग्री :- 1 :- कच्चा दूध (50 ग्राम), 2:- दही (50 ग्राम), 3:- घी (20 ग्राम), 4:- शहद (20 ग्राम), 5:- शक्कर (20 ग्राम), 6:- श्वेत चन्दन (10 ग्राम), 7:- जटामांसी (10 ग्राम), 8:- प्राकृतिक कपूर (5 ग्राम), 9:- गौरोचन (5 ग्राम), 10:- पंचरत्न, 11:- सर्वौषधि, 12:- नव ग्रह व सत्ताईस नक्षत्र काष्ठ, 13:- जायफल (1), 14:- सुपारी (1), 15:- मूसली (10 ग्राम), 16:- बंसलोचन (5 ग्राम), 17:- रस सिन्दूर (5 ग्राम), 18:- रस कपूर (5 ग्राम), 19 :- यज्ञोपवीत (एक) !
अथवा उपरोक्त में दूध, दही, घी, शहद व शक्कर के अतिरिक्त अन्य सभी वनस्पतियों, रसायन व खनिज द्रव्यों का 5 – 5 ग्राम स्वरस अथवा 1 – 1 ग्राम सत्व !
साधना हेतु अनिवार्य हवन सामग्री :- गुग्गुल का गोंद, गुग्गुल का पुष्प, गुग्गुल का फल, गुग्गुल की छाल, गुग्गुल के पत्ते, गुग्गुल की जड़ 500-500 ग्राम, व हारश्रंगार के सूखे हुए पुष्प 100 ग्राम व छोटी इलाईची 200 ग्राम !
सामग्री की मात्रा, शुद्धता व अनुपात यही होना अनिवार्य है, तथा प्रत्येक वस्तु को पृथक पृथक ही लाना होगा, मिश्रण करके नहीं लाना है !
एक रुद्राक्ष की माला, लाल अथवा पीले रंग का आसन, लाल, पीले अथवा श्वेत रंग की धोती व अपने रहन सहन की सभी व्यवस्थाएं स्वयं कर सकते हैं !