।। निःशुल्क साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर के प्रारम्भ होने की आगामी तिथी दिनांक 12/03/2022 है, तथा इस साधना पूर्व प्रशिक्षण हेतु पन्जिकरण करने कि अन्तिम तिथी दिनांक 04/03/2022 है !।।
साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर का विशेष लाभ :- इस साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर में उत्कृष्ट प्रदर्शन पूर्वक पूर्ण रूप से शत प्रतिशत उत्तीर्ण हुए प्रथम तीन प्रशिक्षणार्थियों को हमारे यहां से सन्चालित होने वाली साधनाओं में से साधक की इच्छा व आवश्यकतानुसार जिस साधना के लिए साधक ने प्रशिक्षण को उत्तीर्ण किया है वह साधना पूर्ण रूप से निःशुल्क सम्पन्न कराई जाती है ।
यदि आप आध्यात्मिक साधनात्मक मार्ग की और बढ़ रहे हैं और इस अनंत आध्यात्मिक साधनात्मक महासागर में डुबकी लगाना चाह रहे हैं, तो आप हमारे नि:शुल्क साधनात्मक प्रशिक्षण शिविर में अवश्य सम्मिलित हो सकते हैं, हमारा नि:शुल्क साधनात्मक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आपके इस प्रयास में निश्चित ही आपकी शत प्रतिशत सहायता करेगा ।
सभी युवा पुरुष युवावस्था आते ही अपने भविष्य के विषय में स्वाभाविक ही चिंतित होते हैं और अपने उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए अनेक प्रयत्न किया करते हैं, उनमें से कुछ युवा अपना उज्जवल भविष्य निर्माण के लिए भारतीय तन्त्र शास्त्रों में उपलब्ध अनेक प्रकार की साधनाओं के द्वारा अपना मार्ग प्रशस्त करने का प्रयत्न करते हैं, किन्तु उचित मार्गदर्शन, उचित ज्ञान व शारीरिक, मानसिक, यौगिक व क्रियात्मक योग्यताओं की इत्यादि के अभाव के कारण अधिकतर ऐसे युवा साधक असफलता को प्राप्त कर अपना बहुमूल्य समय, धन, आस्था व श्रद्धा को तो गंवाते ही हैं, साथ ही अपने लक्ष्य, उद्देश्य, संस्कार व मर्यादाओं से भी भटक जाते हैं, और ऐसी परिस्थिति में उनकी अपने जीवन में कुछ महत्वपूर्ण व विशेष करने की अभिलाषा, जिज्ञासा व प्रतिभा भी दम तोड़ जाती है !
इस विषय को ध्यान में रखकर श्री ज्योतिर्मणि पीठ द्वारा युवा वर्ग के उत्थान, सहयोग, प्रोत्साहन व मार्गदर्शन के निमित्त प्रत्येक दो से तीन माह के अन्तराल में निःशुल्क साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है । इस शिविर में साधकों के साधना करने का उद्देश्य और साधना करने की क्षमता का पूर्वांकलन कर साधना करने लिए आवश्यक शारीरिक, मानसिक, यौगिक व क्रियात्मक योग्यताओं की पूर्ति के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान कर साधकों को साधनात्मक योग्यताओं में पुर्णतः तैयार किया जाता है, ताकि आप अपनी साधनाओं में विफल न रह सकें व आपकी साधनाओं में केवल आपकी सफलता ही सुनिश्चित हो सके !
साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर के लाभ :- साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर से प्राप्त होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं ।
- अधिकतर साधक अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए सही साधना का चयन नहीं कर पाते हैं, और एक आशा लेकर स्वेच्छा से किसी भी साधना को करने लगते हैं, जिससे उनका उद्देश्य भी अधुरा रह जाता है और भावनाएं भी आहत होकर रह जाती हैं ! अतः इस प्रशिक्षण शिविर में साधकों के साधना करने का उद्देश्य और साधना करने की क्षमता का पूर्वांकलन व चर्चा कर साधकों के उद्देश्य की पूर्ति के अनुरूप उनको साधना करने की सलाह व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- इस प्रशिक्षण शिविर में केवल श्रीविद्या, षोडशी, तारा, काली, कामकला काली, त्रिपुरसुन्दरी, त्रिपुरभैरवी, ललिताम्बा, भुवनेश्वरी, कमला (राजराजेश्वरी), कामाक्षी, आनंदभैरवी और उन्मत्त्भैरवी महाविद्या, अष्टभैरव, सिद्ध भैरवीचक्र साधना, यक्षिणी, अप्सरा, गन्धर्व, अन्तर्प्रज्ञा जागरण, पूर्वाभास सिद्धि, आत्म संजीवनी, कुण्डलिनी जागरण, साधनाओं को सैद्धान्तिक रूप से सम्पन्न करने का पूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- सर्वप्रथम आपको अपनी आन्तरिक, मानसिक एवं वाह्य क्षमताओं का स्वयं आंकलन करना व अपनी क्षमताओं का आंकलन करके उनकी कार्यक्षमता को विकसित करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- स्थिर आसन में बैठने व मन की एकाग्रता को स्थिर रखने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- साधनाओं के अनुरूप जीवन/व्यवहार को व्यवस्थित करने का विधिवत् प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- शरीर से उत्पन्न व सौरमण्डल की अनन्त ऊर्जा को ग्रहण व संरक्षित एवं स्वयं के लिए सदुपयोग करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- कुण्डलिनी शक्ति के सभी चक्रों की ऊर्जा को स्वच्छ व उर्ध्वगामी बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- मानसिक तनाव, भय, तंत्रदोष आदि से मुक्त होकर स्वयं में स्वतन्त्र देवत्व उत्पन्न करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- शरीर में स्थित सोलह शक्तिकेंद्रों (Power Points) को जाग्रत कर उनकी ऊर्जा को एकीकृत कर अपने नियन्त्रण में करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- अशरीरी एवं शुक्ष्म देहधारी शक्तियों को देखने व उनसे वार्ता एवं सम्पर्क स्थापित करने की क्षमता को अनुभव सहित विकसित करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
- प्रत्येक साधक की साधना के अनुरूप साधनाओं को करने का विधिवत् प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ।
उपरोक्त में प्रत्येक साधक की साधना की आवश्यकता के अनुरूप ही सर्वप्रथम आपको अपनी आन्तरिक, मानसिक एवं वाह्य क्षमताओं का स्वयं आंकलन करना व अपनी क्षमताओं का आंकलन करके उनकी कार्यक्षमता को विकसित करने का अभ्यास करने के साथ – साथ शारीरिक क्षमता (आसन आदि), व मानसिक क्षमता (एकाग्रता आदि) को स्थिर करने का क्रमशः प्रशिक्षण तथा इतने प्रशिक्षण में सफल होने के उपरान्त अन्य क्रियाओं का क्रमशः आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण तथा वह हर सम्भव जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जो कि आपकी साधना को सफलता की और ले जा सके. जिसकी संभावनाएँ अनंत हैं ।
- अनिवार्य योग्यता :- इस साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य ही आपके अन्दर साधनाओं हेतु अनिवार्य शारीरिक, मानसिक व व्यावहारिक योग्यताओं की उपलब्धियों को विकसित कराना है, तथा साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर के लिए अनिवार्य व्यवहारिक नियमों का दृढ़तापूर्वक पालन करने की क्षमता रखने वाले सभी पुरुष साधक सम्मिलित हो सकते हैं ! प्रशिक्षण शिविर के व्यवहारिक नियमों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें !
- साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर की अवधि :- यह प्रशिक्षण शिविर पांच दिन की अवधि का है ! किन्तु निर्देशों व साधना के नियमों में समझौतावादी, स्वेच्छाचारी साधक के लिए यह अवधि अनन्त काल तक की भी हो सकती है !
- उपस्थिति व पंजिकरण :- साधना पूर्व प्रशिक्षण हेतु शिविर की तिथि से न्यूनतम सात दिवस पूर्व तक किया गया पंजिकरण ही मान्य होगा, तथा शिविर की तिथि से एक दिवस पूर्व दोपहर 2 बजे तक श्री ज्योतिर्मणि पीठ पर उपस्थित होना अनिवार्य है ।
- निवास :- आपको अपने रहन सहन आदि की व्यवस्था अपनी सुविधानुसार आस पास की धर्मशालाओं में स्वयं करनी होती है ! निःशुल्क रहन सहन की व्यवस्थाओं के लिए हमारी वेबसाईट पर निःशुल्क निवास एवं भोजन की सुविधा के सभी खण्डों का ध्यानपूर्वक अवलोकन करें ।
- अनिवार्य :- पहचान व पते की पुष्टि के लिए किसी भी वैद्य अभिलेख की एक छायाप्रति व मूलप्रति तथा लाल, पीले, श्वेत, गुलाबी या बसंती रंग की एक धोती व लेखन सामग्री साथ में लाना अनिवार्य है !
- कृपया ध्यान दें :- यह साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर केवल आपके द्वारा लक्षित साधना का पूर्वाभ्यास मात्र होता है, साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर में किसी भी साधना के ध्यान, न्यास, मन्त्र आदि प्रदान नहीं किए जाते हैं, किसी भी साधना के ध्यान, न्यास, मन्त्र आदि केवल तब प्राप्त होते हैं जब आप अपनी साधना को करने के पूर्ण योग्य बनकर विधिवत् दीक्षा प्राप्त करते हैं ।
- साधना पूर्व प्रशिक्षण का समय :- प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 12 बजे तक व सायं 4 बजे से 7 बजे तक ।
- व्यय :- साधना पूर्व प्रशिक्षण शिविर पुर्णतः निःशुल्क है, जिसमें किसी भी प्रकार से प्रत्यक्ष या परोक्ष शुल्क नहीं लिया जाता है, तथा इसमें सभी साधक सम्मिलित हो सकते हैं ।
श्री ज्योतिर्मणि पीठ द्वारा महिलाओं को दीक्षा/साधना व प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया जाता है, यह हमारा व्यक्तिगत विषय है, अतः इस पर कोई प्रश्न न करें ।